सूरजमुखी की खेती
सूरजमुखी की खेती |
BY-DIVYANSHU_VERMA
सूरजमुखी की उन्नत खेती से जुडी सभी जानकारी :
सूरजमुखी के लिए कौन सा खेत चुनें व उसकी तयारी :
खेत की तयारी के लिए गर्मी और वर्षा के समय में खेत की जुताई करे जिससे खेत की मिटटी भुरभुरी हो जाए,उपयुक्त समय सिंचित क्षेत्र में खरीफ फसल की कटाई के बाद का होता है ,मध्य अक्टूबर से नवंबर तक इसकी बुवाई कर सकते है।
नोट : लेकिन आप यह जान ले कि सूरजमुखी की बुवाई समय पर करने से आपको ज्यादा फायदा मिलने की संभावना है ,इसलिए आप इसकी बुवाई अक्टूबर के पहले या दुसरे माह में ही इसकी बुवाई करा दे, जिनसे जल्दी से सारे अंकुर निकलते हैं लेकिन देर से बुवाई करने पर अंकुरण पर प्रभाव पड़ता है।
असिंचित क्षेत्र में : असंचित क्षेत्र में वर्षा खत्म होते ही सितम्बर माह के पहले सप्ताह से आखिरी सप्ताह में ही करा दे।
ग्रीष्मकालीन महीने की फसल के लिए : जनवरी के मध्य से फरवरी तक का समय है।
सूरजमुखी की कुछ उन्नत किस्में :
सूरजमुखी के बीज की मात्रा :
सूरजमुखी के बीज की मात्रा लगभग 10 किलोग्राम /हेक्टेयर है। पौधे सघन होने से पैदावार भी अच्छी होती है।
बीज की बुवाई :
सूरजमुखी के बुवाई सीड ड्रिल से करे तो ज्यादा बेहतर होगा या आप खेत में सीधी लाइन बना कर उसमे बीज की बुवाई कर सकते है .
प्रत्येक लाइन की एक दुसरे से दूरी 45 सेंटीमीटर रखे , आपको इसके बुवाई में विशेष ध्यान रखना होगा इसके पौधे को एक लाइन में लगाना पड़ता है .
लाइन में भी एक पौधे से दुसरे पौधे की दूरी 25-30 सेंटीमीटर रखे जिनसे पौधों से बीच एक निश्चित दूर होगी। तो उसमे अच्छी पैदावार होगी और ज्यादा स्थान मिलने से वह अच्छी उपज देंगे।
सूरजमुखी की कटाई :
सूरजमुखी की कटाई एक महानवपूर्ण प्रक्रिया है जिसे हमें जांच परख कर करना चाहिए क्योंकि सूरजमुखी के पौधे एक साथ नहीं पकते तो आप ध्यान से देख हैं की फूल पूरी तरह से सूख गए हैं या नहीं और फूल का पिछले भाग पूर्ण रूप से पीला हो गया है या नहीं
,अगर ऐसा है तो आप समझ लीजिये की आपकी फसल काटने के लिए तैयार है आप उसकी कटाई कारा दे और चाहे खलिहान हो या उसी खेत में 4 से 5 दिन तक सूखने के लिए रख दे
,उसके बाद आप डंडे से पीट कर उसके बीच को बाहर निकल कर अलग कर ले।
मिश्रित खेती :
आप सूरजमुखी के साथ चने की मिश्रित खेती कर सकते हैं जिससे आपको ज्यादा मुनाफा होगा और अलग से देख-रेख नहीं करनी पड़ेगी जिससे आपको ज्यादा मुनाफा मिलेगा।
सूरजमुखी की खूबिया :
- सूरजमुखी photo-insensitive फसाल होती है ,इसे आप किसी भी मौसम में ऊगा सकते है खरीफ ,रबी ,ज़ैद तीनो मौसम में।
- इसके बीज में 40 से 50 प्रतिशत तक तेल पाया जाता है।
- सूरजमुखी के तेल में लिनोलेइक अम्ल व ओलिक अम्ल (lenoleic and oleic acid )पाया जाता है जिसका यह गुण होता है कि यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने नहीं देता है और यह हृदय सम्बन्धी बीमारियों के लिए दवा के रूप में काम करती है।
- यह जल्दी पकने वाली फसल है यह फसल मात्रा 90 दिनों में ही तैयार हो जाती है।
सूरजमुखी की खेती में उत्पादन :
सूरजमुखी की खेती में लगभग 20 कुंतल प्रति हेक्टेयर की पैदावार मानी गयी है।
तो मानक के अनुसार अगर बीज 40 से 50 प्रतिशत तक तेल पाया जाता है तो प्रति हेक्टेयर 8 कुंतल तेल निकलेगा और आज के तेल के दाम 200 रु प्रति लीटर है तो आप देख सकते है की
इस खेती में कितना फायदा है और आप इसे एक ही खेत में साल भर में तीन बार फसल उपजा सकते है।
सूरजमुखी की खेती में प्रयोग किये गए उर्वरक :
सूरज मुखी की खेती के दौरान दो बार आपको उर्वरकका प्रयोग करना है पहला बुवाई करते समय और दूसरा बीच में जा पौधे बढ़ या फूल आते समय।
प्रयोग में आने वाले उर्वरक जैसे -नाइट्रोजन फास्फोरस, पोटाश।यह तेलहन फसल होने के बावजूद भी नाइट्रोजन नहीं जमा करता।
- नाइट्रोजन (100 kg )
- फास्फोरस (60 kg )
- पोटाश (40 kg )
यह इसमें प्रयोग की जाने वाली पूरी मात्रा है ,आपको इसे दो किस्तों में डालना है।
आशा करता हु आप को सब समझ आ गया होगा कि कैसे हम सुरजमुखी की खेती कर सकते है ,और उससे जुड़े सभी जानकारी भी आपको मिल ही गए होंगे
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