फार्मेसी क्या है ? बी-फार्मा और डी-फार्मा अंतर है ?

फार्मेसी क्या है ? बी-फार्मा और डी-फार्मा  अंतर है ? |  what is pharmacy ? |difference between b-pharma and d -pharma |
 

फार्मेसी क्या है ? बी-फार्मा और डी-फार्मा  अंतर है ?
फार्मेसी क्या है ? बी-फार्मा और डी-फार्मा  अंतर है ?

 


फार्मेसी क्या है ?what is pharmacy ?

फार्मेसी दवाओं की तैयारी ,वितरण ,समीक्षा और क्लिनिक  सेवा प्रदान करने  की तकनीकी  और विज्ञान   को कहते है। 

फार्मेसी दो तरीके की होती  है।

  1. बी -फार्मा 
  2. डी -फार्मा
 

बी -फार्मा और डी-फार्मा  में अंतर | b pharma Vs d pharma

 दोनों में अंतर समझने के लिए  पहले दोनों विषय के बारे में जानने की जरूरत है ,आईये तो हम एक एक कर समझते है। 

बी -फार्मा (B - Pharma OR  Bachelor Of  Pharmacy ) :

 यह ग्रैजुएशन स्तर पर फार्मेसी का  प्रोग्राम है ,इसका फुल फॉर्म है - बैचलर ऑफ़ फार्मेसी

यह दो तरीके से की जाती है :-

  1. Regular B- pharma (12 वी पास करने के बाद )
  2. Lateral entry in B-Pharma (D -pharma के बाद किया जाता है )

 - D -pharma करने के बाद आप  B -pharma के दुसरे वर्ष में सीधे प्रवेश कर सकते है। 

  • बी -फार्मा(Regular)  की अवधि 4 साल की होती है ,और बी -फार्मा (Lateral entry )  की अवधि 3 साल की होती है।
  • बी -फार्मा के लिए योग्यता :  

    (Regular b-pharma)-उमीदवार को साइंस स्ट्रीम से बारहवीं कक्षा पास की हो और बारहवीं के अनिवार्य विषयो में PCM या PCB में 50-60 % जरूर हो।

(lateral entry B-Pharma)- D-pharma  में 45 % जरूरी है लेकिन रिज़र्व कैंडिडेट्स या रिज़र्व सीट्स के लिए छूट भी दी जाती है ,SC ,ST के लिए 40 % जरूरी है।

  •  बी-फार्मा में  एडमिशन की प्रक्रिया : 
       सभी मानी-जानी फार्मेसी इंस्टीटूट्स इस कोर्स के लिए एडमिशन के लिए प्रवेश  परीक्षा लेती है और जो भी उसमे नंबर मिलेगा उसी अनुसार आपको इंस्टीटूट्स में एडमिशन मिलेगा ,यह परीक्षा लगभग सभी इंस्टीटूट्स  करवाते है। 
  •  बी-फार्मा करिकुलम : आपको साल भर में 6 -12 विषय को शामिल/कवर करना होता है और उनकी तैयारी को देखने के लिए साल के अंत में मई -जून में वार्षिक परीक्षा लेती है ,अब तो कही कही यह परीक्षा समेस्टर के अंत में ही देखने को मिल जायेगा। 
  • बी-फार्मा  का दायरा /स्कोप : इस कोर्स को करने के बाद दोनों सेक्टर में जॉब कर सकते है ,सरकारी और प्राइवेट दोनों में। इस कोर्स को करने के बाद आप ड्रग इंस्पेक्टर , upsc exam , SSC exam जैसे ग्रेजुएट लेवल एग्जाम दे सकते है। 
  • बी-फार्मा करने के बाद आप उच्च अध्यन के लिए भी जा सकते है जैसे -ग्रेजुएट M S PHARMA ,M -Pharma ,Pharma D ,MBA pharma जैसे उच्च स्तरी अध्यन कर सकते है।

 डी -फार्मा ( D -Pharma OR Diploma in Pharmacy ) :


यह डिप्लोमा स्तर का एक कोर्स है ,इसका फुल फॉर्म है - डिप्लोमा ऑफ़ फार्मेसी

डी -फार्मा  कोर्स की अवधि 2 साल की होती है , जिसमे 4 समेस्टर होते है , जिसमे  फार्मेसी और फार्मास्युटिकल साइंस की मूल सिद्धांत पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। 

डी-फार्मा के लिए योग्यता/Eligibility  :

उम्मीदवार को साइंस स्ट्रीम से PCM या PCB में 45 -60 % अंक  के साथ मान्यता प्राप्त स्कूल से पास किया हो। 
या आप इस कोर्स को सीधा 10 वी पास करने के बाद भी कर सकते है और इस कोर्स के पूरे हो जाने  पर आप बी फार्मा कोर्स के दूसरे वर्ष में लेटरल इंट्री (lateral entry ) भी ले सकते है। 

नोट : Biotechnology or Computer Science वाले विद्यार्थी भी ये दोनों कोर्स कर सकते है।

  डी-फार्मा कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया /Admission process : 

 यह कोर्स में एडमिशन आमतौर पर बारहवीं के नंबर  आधार पर होती है लेकिन कुछ टॉप इंस्टीटूट्स भी इसके लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करवाते है। कुछ कॉलेज में आपको प्राइवेट में ही आपका एडमिशन हो जाता है और उससे आपको डिग्री मिल जाएगी , 

जिस कॉलेज में इंट्रेंस परीक्षा होती है उसमे उसमे मिले अंक के आधार पर ही आपको कॉलेज मिलेंगे। 
  • डी -फार्मा करिकुलम : डी -फार्मा में भी तयारी आंकने के लिए बी फार्मा जैसे ही परीक्षा होती है ,बस इसमें साल भर में सिर्फ 6 विषय ही शामिल किये जाते है।                                                       

 बी-फार्मा और डी-फार्मा कोर्स का दायरा | Scope of b pharma  :


इस कोर्स को करने के बाद भी आप दोनों सेक्टर में जॉब कर सकते है ,सरकारी और प्राइवेट दोनों में .                                                                                                                                       

  • गवर्नमेंट सेक्टर में : हॉस्पिटल ,क्लिनिक ,रेलवे ,और आर्म्ड फोर्सेज में भी नौकरी मिल सकती है। 
  • प्राइवेट सेक्टर में  : Pharmaceutical companies & hospital में काम करने का अवसर मिल सकता है। 

विस्तार में पढ़े : 👇👇👇



बी-फार्मा और डी-फार्मा कोर्स की फीस : 
  1.    बी-फार्मा में : गवर्नमेंट इंस्टीटूट्स में (40 -60 हज़ार तक ) और प्राइवेट इंस्टीटूट्स में (80 हज़ार से 1 लाख तक।                                                                                                                     
  2.  डी -फार्मा में : गवर्नमेंट इंस्टीटूट्स में(10 -15 हज़ार तक ) और प्राइवेट इंस्टीटूट्स में (40 -50 हज़ार )
 नोट : यह फ़ीस अनुमानित है ,आपको इससे कम ज्यादा भी मिल सकता है। 
 

 प्रश्न - मेडिकल स्टोर खोलने के लिए किस कोर्स की डिग्री की ज़रुरत पड़ेगी - बी-फार्मा या डी -फार्मा ? 
उत्तर - मेडिकल स्टोर या केमिस्ट शॉप खोलने के लिए आप इसमें से कोई भी कोर्स की डिग्री ले सकते है , लेकिन आपके आपके पास कम से कम डी फार्मा की डिग्री होना ज़रूरी है।  
यह कोर्स पूरा करने के बाद आप state pharmacy council of India को लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते है। 
यह लाइसेंस कई तरह के होते है जिसे आप अपने जिले के ड्रग इंस्पेक्टर से पता कर सकते है और उसके बताये गए प्रक्रिया को कर के आप लाइसेंस ले सकते है। 




TOP pharmacy university in UTTAR PRADESH : 

  1. Amity university -- Noida 
  2. Integral University--Lucknow 
  3. Sam Higginbottom university of agriculture technology and science - Allahabad
  4. Banaras Hindu university - varanshi 
  5. IIT BHU-Indian institute of technology - varanashi
  6. Aligarh muslim university - Aligarh 
  7. INMANTEC institution - Ghaziyabaad 
  8. Teerthankar mahaveer university - muradabaad 
  9. Nirmala group of institution - mathura , 
  10. SR college of pharmacy - jhanshi
  11. SD college of pharmacy and vocational studies - muzafaarnagar

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 निष्कर्ष : 
आज आपने इस आर्टिकल के  माध्यम से आपने जाना फार्मेसी क्या है ? और बी फार्मा और डी फार्मा में क्या अंतर होता है ? 

अतः आशा करता हु आपको पूरी तरह से समझ आया होगा।




 

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