पर्यावरणविद का क्या अर्थ है , क्या है काम और भूमिका | 10 Environmentalist of india
पर्यावरणविद कौन होते है | Environmentalist in hindi :
Environmentalist उस व्यक्ति को कहते हैं जो पर्यावरण या पृथ्वी के हित में सोचता है और उसके लिए कुछ करता है और प्राकृतिक चीजों को किसी नुकसान से बचाता है |
लेकिन आज ऐसे लोंगो की बहुत कमी हो गई है क्योंकी आज सभी लोग अपनी लालच और जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहें है .
जैसे - पेड़ -पौधों को कटना लकड़ियों की लालच में , खेतो से फसलों की ज्यादा पैदावार के लिए ज्यादा -से -ज्यादा उर्वरक ,कीटनाशक का प्रयोग जिससे मिटटी बंजर होती जा रही है। आज मृदा संरक्षण की बेहद ज़रुरत है। इसी मिटटी को बंजर में बदलते रूप को भारत के सध्गुरु जी ने save soil compaign भी चलाया है जिससे लोग जागरूक हो।
कई देश तो महाशक्ति बनने की चाह इतने ज्यादा मात्रा में राकेट मिसाइल का परिक्षण कर रहे है की उसकी वजह से भूकंप के झटके महसूस होने लगे है और साथ में वायु प्रदुषण अलग से हो रहा है ,ज्यादा मात्रा में प्राकृतिक संसाधन के भी निकलने से प्लेट्स के खिसकने की सम्भावना बढ़ जाती है आदि।
अब आप समझ ही गए होंगे की ये सारी गतिविधियाँ अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं बल्कि अपनी लालच को पूरा करने के लिए।
Environmentalist (पर्यावरणविद ) |
Environmentalist(पर्यावरणविद ) की भूमिका | Role of an Environmentalist :
एक Environmentalist(पर्यावरणविद ) की यह भूमिका होती है ,कि वह अपने समाज ,पर्यावरण व प्राकृतिक सम्पदा की सुरक्षा करे और लोगो को भी जागरूक करे , की वे भी अपनी प्रकृति को बेवजह या लालच बस नुकसान न पहुचाये।
गाँधी जी ने कहा था कि " प्रकृति सभी की जरूरतों को पूरा कर सकती है ,लेकिन सभी के लालच को नहीं। "
Environmentalist (पर्यावरणविद ) कैसे बने ?
Environmentalist (पर्यावरणविद ) बनने के लिए आप को पर्यावरण विज्ञान पढ़ना होगा और साथ ही उससे सम्बन्धी कुछ विषय का ज्ञान होना भी जरूरी है।
Environmentalist बनने के लिए कोई जरूरी नहीं है की आपके पास कोई कॉलेज डिग्री ही हो या कोई योग्यता हो,क्योंकि अगर आप प्राकृतिक संपदा की रक्षा करते है या कोई योगदान देते है तो आप भी एक (पर्यावरणविद ) है।
यह बहुत ही पुण्य का काम है कि आप अपनी धरती और प्रकृति का चिंतन कर रहे है और उसे नष्ट होने से बचा रहे है।
आज जितनी तेज़ी से प्रकृति का हनन हो रहा है ,हमें तो नहीं लगता कि हमारी आने वाली पीढ़ी को इतनी मात्रा में संसाधन उपलब्ध होंगे। इसीलिए हम सब का यह कर्त्तव्य है कि जितना मात्रा में हमें प्राकृतिक संसाधन व सम्पदा मिली है ,उससे ज्यादा तो नहीं लेकिन कम से कम उतना ही हम अपने आने वाली पीढ़ी के लिए भी सुरक्षित रखे।
आज मृदा(मिटटी),जल ,वायु ,वातावरण आदि सब इतना दूषित हो चुका है कि वह सब नई बीमारियों को जन्म दे रहा है। आज जरूरत है कि प्रत्येक लोग जितना हो सके सहयोग करे और अपनी प्रकृति को नष्ट होने से बचाये।
Environmentalist(पर्यावरणविद ) के लिए नौकरी :
- Adventure guide
- nursury management
- Geographer
- Environment specialist
- Wildlife specialist
- Environment health and safety officer
- Ecologist
- Environment consultant
- natural resources specialist
- Park caretaker
कुछ प्रसिद्ध Environmentalist (पर्यावरणविद ) के नाम :
क्या आप लोग यह जानने के लिए उतसुक है की कुछ भारतीय पर्यावरण चिंतक ,जिनको उनके पर्यावरण के प्रति योगदान से जाना जाता है और इसी कारण से उन्हें भारत सरकार ने उन्हें अवार्ड से नवाजा है।
- जादव पायेंग : इनका जन्म 1963 में असम में हुआ था और इन्हे लोकप्रिय रूप से "फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया "कहा जाता है क्योंकि इन्होने स्वयं ही 550 हेक्टेयर के क्षेत्र को वन बना दिया है जो की ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे माजुली द्वीप पर स्तिथ है और उनके योगदान को देखते हुए उसका नाम मोलाई वन रख दिया उन गया है और इन्हे इसी योगदान के कारण पद्मश्री 2015 से नवाजित किया गया।
- सलीम अली : इनका जन्म 1896 मुंबई में हुआ था और मृत्यु 1987 में हुई थी। इन्हे भारत के बर्ड मैन के रूप में जाना जाता है , क्योंकि इन्होने पूरे भारत में सबसे पहले लोगो को पक्षी सर्वेक्षण के प्रति जागरूक किया और उसके ऊपर किताबे भी लिखी जिससे परीक्षा विज्ञान के विकास में आसनी हुई है और इनके इसी योगदान के लिए 1976 में भारत के दुसरे सर्वोच नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मनित किया गया। इनकी कुछ प्रमुख पुस्तकें जैसे -1 . द बुक ऑफ़ इंडियन बर्ड्स (1979 ) , 2. द फॉल ऑफ़ स्पैरो , 3. इंडियन हिल बर्ड्स।
- मेधा पाटकर : मेधा पाटेकर का जन्म 1 दिसंबर 1954 मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। इनका सबसे बड़ा योगदान नर्मदा वैली प्रोजेक्ट से हो रहे लोगों के स्थानान्तरण और उनके घर जमीनों के लिए मुआवजा के लिए वकालत करना था और वहा की स्थानीय लोगो के साथ मिल कर सरकार के प्रति नर्मदा बचाओ आंदोलन छेड़ दिया था। और अंततः वे इसमें सफल भी रही।
- मरीमुथ योगनाथन : इनका जन्म 1969 में हुआ था और इनको " द ट्री मैन " भी कहा जाता है क्योंकि इन्होने प्रकृति को सुधरने की कोसिस की , इन्होंने 1 लाख 20 हज़ार से ज्यादा पौधे लगाए।
इसके बाद नाम आता है माइक पांडे का।
- माइक पांडे : यह एक भारतीय फिल्म बनाने वाले हैं और इनकी सारी फिल्म वाइल्डलाइफ और एनवायरनमेंट पर ही केंद्रित है और इन्हीं फिल्मों से जीव जंतु और वातावरण के प्रति जागरूकता फैलाने की कोशिश करते हैं और इन्हें "कंजर्वेशन ऑफ वाइल्डलाइफ "के लिए जाना जाता है
- सुंदरलाल बहुगुणा : इनका जन्म (9 जनवरी 1927- 21मई 2021) मरोड़ा ,टिहरी ,गढ़वाल में हुआ था। ये चिपको आंदोलन के प्रमुख नेता थे ,और इन्हे पर्यावरण चिंतक के रूप में जाना जाता है। बाद में इन्होने टिहरी बांध के निर्माण के विरुद्ध आंदोलन भी किया था। इन्हे 1984 में राष्ट्रीय एकता पुरस्कार भी मिला था ,कुछ इनकी प्रसिद्ध किताबे जैसे - धरती की पुकार ,INDIA'S Énvironment :Myth & Reality , The Road To Survival .
- सुनीता नारायण : इनका जन्म 1961 में नई दिल्ली में हुआ था ,यह एक प्रकृति चिंतक और पर्यावरणविद है और साथ ही भारत के विज्ञानं एवं पर्यावरण केंद्र और पर्यावरण संचार समाज की निदेशक भी है। और वे लोगो को जागरूक करने के लिए अपनी एक "Down To Earth" नाम से अंग्रेजी पत्रिका भी प्रकाशित करती है जिसमे यह पत्रिका विशेष रूप से पर्यावरण सम्बन्धी रहती है। इनके इसी कामों को देख कर उन्हें भारत सरकार ने पदमश्री व लक्ष्मी पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था।
- अरुण कृष्णामूर्ति : इनका जन्म 1986 में हुआ था ये एक भारतीय पर्यावरण कार्यकर्ता है जिन्होंने यह अभियान चलाया की हम देश की झीलों को साफ़ करेंगे। पहले तो सिर्फ अपने शहर में ही फिर बाद में संघ बनाया (NGO और Environmental foundation of India 2011 ) फिर दूसरे शहरो में भी यह अभियान को शुरु किया जिससे वे मिल कर पर्यावरण को साफ़ करे।
- बाबा आम्टे : इनका जन्म (1914 -2008 ) , इनका पूरा नाम मुरलीधर देवीदास आम्टे है। इन्हे इनके सामाजिक कार्यो व कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों का पुनर्वास और सशक्तिकरण के एक महत्व पूर्ण योगदान के कारण जाना जाता है। इनको भारत सरकार द्वारा इनके योगदान को देखते हुए कई पुरस्कार दिए गए है जैसे - पदम् विभूषण , डॉ अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार ,गाँधी शांति पुरस्कार ,आदि। इनको भारत का आधुनिक गाँधी के रूप में जाना जाता है।
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