सदगुरु SAVE SOIL Compaign | sadhguru speech in united nations | Savesoilatun |

यूनाइटेड नेशन में भारत के सदगुरु  | उद्देश्य व विचार | Sadhguru speech at united nations | Save soil compaign | Soil Anthem | 

sadhguru speech in united nations
sadhguru speech in united nations


आज इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको 5 अप्रैल 2022 को हुई बैठक जिसमे भारत के सद्गुरु - सद्गुरु जगदीश वासुदेव जी ने भारत को सम्बोधित करते हुए " मिट्टी बचाओ अभियान | SAVE SOIL Compaign " को पूरे विश्व में फैलाया और एक राजदूत का काम किया। 

उनके इस अभियान को वैश्विक अभियान और जागरूकता की तरह पूरे विश्व भर में स्वीकार किया गया। 

उन्होंने 64 वर्ष की उम्र में भी मोटर साइकिल से 30,000 किलोमीटर  की दूरी तय कर लगभग 27 देशो में जा कर अपने अभियान को जनअभियान में बदल दिया और लोगो को इस गंभीर चिंता के विषय के बारे में सूचित व सचेत किया। 

5 अप्रैल 2022 को यूनाइटेड नेशन  में हुई बैठक की महत्त्वपूर्ण बिंदु : 

सद्गुरु जगदीश वासुदेव जी के संयुक्त राष्ट्र, जनेवा  में सम्बोधन के प्रमुख बिंदु निम्न है उनका कहना है कि हम 100 दिनों का अभियान चलायेंगे जिसमे वे सभी लोगो से अनुरोध कर रहे है की आप जितना भी लोगो को जागरूक कर  सके उतना करें। 

  • विश्व भर में जितनी भी वस्तुएं है सबकी उत्पत्ति का कारण मिटटी है, चाहे वह मनुष्य , जानवर या पौधे आदि। 
  • जीवित तंत्र की श्रेणी में मिटटी का स्थान सबसे ऊपर है।                                                                    
  • पृथ्वी की ऊपरी सतह का 15 - 18 इंच , धरती पर जीवन के लिए प्रमुख भूमिका निभाती है , क्योकि ऊपरी सतह ही सभी चीजों की उत्पत्ति का कारण है।                                                        
  • सद्गुरु के अनुसार हम सबकी उत्पत्ति का कारण मिटटी है और रहते भी मिटटी पर ही है और मरने के बाद हम फिर मिटटी में ही मिल जाते है।                                                                        
  • पूरे विश्व में मिटटी ही एक एकीकृत करने की कड़ी है , क्योकि हम सभी की उत्पत्ति , रहना और मरने के बाद मिटटी में ही जाना है बाकी सभी के बीच में रंग , रूप , जाति , धर्म , स्थान आदि का भेद होता ही है।                                                                                                                       
  • मानव , पशु , पौधे आदि के जीवन को जीवित रखने  के लिए धरती मां की क्षमता सीधे मिट्टी के स्वास्थ  पर निर्भर करती है जो सभी जीवित प्राणियों को जीविका प्रदान करती है।                        
  • आज के समय में  सभी देश के बीच इतनी तेज़ी से विकाश की दौड़ में लगे है और वे मिटटी को बुरी तरह से प्रभावित कर रहे है , मिट्टी की सतह के क्षरण और मिट्टी के कटाव का भारी नुकसान हो रहा है।                                                                                                                             
  • 21 वि सदी का सबसे प्रमुख कार्य सभी देशो के लिए है - प्रकृति के साथ शांति बनाना।                          
  • प्रकृति में जलवायु परिवर्तन इतनी तेज़ी से हो रहा है कि इसका प्रभाव आपको यह हुआ कि हर रोज़ कही न कही बाढ़ , सूखा , भूकंप ,  तूफान और  आग आदि सुनने को मिलता है यह प्रकृति की चेतावनी है। और यह सभी आपदा के कारण वर्ष 2020 में 30 मिलियन लोगो को अपने घर छोड़ के भागना पड़ा। और अनुमान है कि 2050 तक यह संख्या 1 बिलियन तक पहुंच जाएगी।     
  • हम सभी हर रोज़ विभिन्न माध्यमों से प्रकृति को नुक्सान पंहुचा रहे है जैसे हवा व समुद्र को दूषित करना। 
  • अभी हालही में आया covid - 19 ने सबको सिखाया कि हम सभी पारिस्थितिक चुनौती के खिलाफ लड़ने के लिए  आपस में कैसे जुड़े हुए है। 
  • UNFAO के अनुसार , पृथ्वी पर उपस्थित biodiversity में से प्रति वर्ष 27,000  प्रजातियाँ खत्म हो रही है , जिसे रोकना होगा। 

मिटटी को बर्बाद होने के कारण : 

  1. भारी मात्रा में इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण। 
  2. नाइट्रोजन पाउडर - खेत में फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयोग किये जाने वाले कीटनाशक व रासायनिक उर्वरक। 
  3. मृदा क्षरण व मिटटी का कटाव। 

सदगुरु के अनुसार मिटटी को दुबारा पुनर्जीवित करने के तरीके : 

-- मिटटी को पुनर्जीवित करने के लिए मिटटी में सूक्ष्मजीव की उपस्थिति को बढ़ाना होगा , मिटटी में पौधों की सामग्री और पशु अपशिष्ट ( animal waste ) की मात्रा बढ़ानी पड़ेगी। 

पिछले एक दो पीढ़ी से लोग मिटटी को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया भूल गए है और वे अपनी लालच को पूरा करने व ज्यादा उत्पादन करने के लिए वे ज्यादा मात्रा मे उर्वरक  , कीटनाशक आदि का प्रयोग करते है। 
अगर जैविक सामग्री विषय की बात करें तो 
  • उत्तर यूरोप - 1.48 % 
  • दक्षिण यूरोप - 1. 2 % 
  • संयुक्त राष्ट्र अमेरिका - 1.4  % 
  • भारत - 0. 68 % 
  • अफ्रीका - 0. 3 % ( गंभीर मरुस्थलीकरण  ) 

सदगुरु जी का उद्देश्य : 

  1. पृथ्वी पर हमारी मिट्टी को बनाए रखने के लिए मिट्टी को संरक्षित और पुनर्जीवित करना उनका प्रमुख उद्देश्य है।                                                                                                                          
  2. संपूर्ण मानवता का कल्याण और वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए वे मिटटी को दुबारा से पुनर्जीवित करना जिससे  जलवायु और पर्यावरण में कोई बदलाव न आये।                                         
  3. वे वसुधैव कुटुम्बकम वाली विचार धारा रखते है , और वे सभी पृथ्वीवासियों को परिवार मानते है और वे इस अभियान को प्रत्येक लोगो तक पहुंचाना  चाहते है और सचेत करना चाहते है।                   
  4. उनका मानना है कि - इलाज से बेहतर रोकथाम है अर्थात समय रहते इस विषय पर गौर नहीं किया गया तो बात हाथ से नकल जाएगी और इसका प्रभाव भयावह हो सकता है। 

UN  में हुई बैठक की लाइव रिकॉर्डिंग : 

  video credit goes to respected youtube channel 


निष्कर्ष : आशा है आपको इस विषय काफी कुछ जानने व सिखने को मिला होगा।  अतः आप भी इसका हिस्सा बने और अपने पृथ्वी को बचाये।  ताज़ा व स्वस्थ खाये और स्वस्थ रहे। 

 
lets sing soil anthem : 

                                                video credit goes to respected youtube channel
thanks 🙌🙌🙌

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