Indian Economy 2022 current situation

 

INDIAN ECONOMY IN 2022 


Strength of Indian economy / भारतीय अर्थव्यवस्था की खूबिया : 



Indian Economy 2022
Indian Economy 2022


  • भारत के युवा : भारत में बच्चों की जन्म दर सकारात्मक है , जिसके कारण से भारत को युवाओ का देश भी कहा जाता है। और भारत की ज्यादातर जनसंख्या में युवाओ की है जिससे कर्मचारियों की संख्या  अधिकता है ,और वे बचत और निवेश को बढ़ावा देते है और उत्पादकता भी बढ़ जाती है। 
  • सुधार की गुंजाइस : भारत में सभी मशीन , सड़क बहुत ज्यादा विकसित नहीं है , तो इसमें अभी बहुत सुधार की ज़रुरत है , जिसे आप ज़रूरी सुधार करके ज्यादा उत्पादन ले सकते है। 
  • सस्ते कर्मचारी : भारत में युवा जनसँख्या की अधिकता होने के कारण यहाँ पर सस्ते कर्मचारी उपलब्ध रहते है और साथ ही बड़ी मार्किट भी है जो बाहरी कंपनी , MNCs को भारत की ओर आकर्षित करती है। 
  • प्राथमिक शिक्षा : भारत की आज़ादी के  बाद से 1991 तक भारत की पूरी जनसँख्या की सिर्फ 48.22  % ही साक्षर थे लेकिन 2002 में लाया गया Elementary Education Act . के बाद से लोगो में धीरे धीरे  जागरूकता आयी और 2011 तक देश में 74.04 % तक हो गयी थी। 
  • नब्बे ( 90 s )   के दसक में लायी गयी , फैक्ट्री और फ्री व्यापार के प्रति उदारवादी पॉलिसी। 
  • भारत कार की सबसे ज़्यादा उत्पादन करने वाले देशो में से एक है /
  • नई कंपनी और स्टार्टअप बड़ी मात्रा में शरू हो रहे है। 
  • Make in India , Self dependent india की सोच। 
  • भारत का विभिन्न देशो से फ्री ट्रेड पालिसी के लिए हाथ मिलाना और यहाँ के कानून जो बाहरी कंपनी , MNCs , FDI को आकर्षित करती है भारत में स्थापित होने के लिए। 
  •  भारतीय  विदेशी कर्मचारी   :  भारत में जनसँख्या का  एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बाहर विदेश में काम करता है , जिससे भारत में विदेशी मुद्रा आ जाती है। 
  • देश के सामानों का निर्यात बढ़ना ( अभी हालही में FY 2021 -22 में भारत ने पहली बार  400 बिलियन डॉलर का निर्यात किया है ) 
  • पर्यटन उद्योग : भारत में बहुत से पर्यटन क्षेत्र है जो विदेशी लोगो के  आकर्षण का कारन बनते है जिससे बहुत ही ज्यादा मात्रा में विदेशी मुद्रा भारत में आती है , नौकरी बढ़ती है , लोगो को रोज़गार मिलता है। 
  • सर्विस सेक्टर में तेज़ी से वृद्धि होना। 

Indian Economy के लिए संघर्ष : 


सन 1991 में जब एलपीजी ( LPG ) उदारीकरण , निजीकरण और वैश्वीकरण के लागू  होने के बाद  इसका  प्रभाव अगले कुछ दसकों में  देखने को मिला की भारतीय अर्थव्यवस्था में भारी आर्थिक विकास देखने को मिली है , लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था को  कुछ चुनौतियां भी झेलनी पड़ी है।  जैसे -  भ्रष्टाचार , बुनियादी ढांचे की कमी ,  गरीबी  और बेकार कर वसूलने की प्रणाली आदि। 

क्या आपको पता है वह क्या है ? नहीं , तो आईये एक एक कर समझते है :-:  
 

 
भारतीय अर्थव्यवस्था एक  विकासशील अर्थव्यवस्था  है | Indian Economy Is under developing | 

  1.  भारत की  अर्थव्यवस्था को इसलिए विकाशशील अर्थव्यवस्था  कहा जाता है क्योंकि भारत की अधिकतम जनसंख्या और सकल घरेलू उत्पाद का एक अहम्  हिस्सा कृषि में शामिल है।                 [ --  सिर्फ  कृषि सेक्टर की ही पूरे भारतीय अर्थव्यवस्था का लगभग 14 % की हिस्सेदारी है। और यह पूरे रोजगार का 42 % रोजगार देता है।  -- ] 
  2.  गरीबी :   विश्व की दूसरी सबसे घनी  आबादी वाले देश  का एक महत्वपूर्ण हिस्सा गरीबी रेखा के नीचे है।  पूरी आबादी में से 84 मिलियन लोग आज भी अत्यंत गरीब है ,  देश की  आबादी इतनी तेज़ी से बढ़ रही है की वह अन्य समस्या भी  पैदा कर रही है , जिसे जनसंख्या विस्फोट कहा जाता है .. 
  3. हमारे देश  भारत में अभी एक प्रमुख हिस्सा अनपढ़ है यह जनसँख्या दोनों जगह है - शहर व ग्रामीण , दोनों इलाकों में। और पढ़ी लिखी व कुशल लोग ही अपनी जीडीपी में ज्यादा योगदान दे सकते है। यह लोग भी काफी हद तक अर्थव्यवस्था को बाधित करते है। 
  4. ख़राब बुनियादी ढांचा :  किसी जगह के विकाश के लिए वहा  की basic infrastructure (बुनियादी ढांचा ) का विकसित होना बहुत ज़रूरी है। इसी इंफ्रास्ट्रक्चर ( सड़क , हॉस्पिटल , कोल्ड स्टोर , आवागमन की सुविधा , होटल व रेस्ट्रॉं , आदि।   कितनी बार इसी ख़राब इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से गांव में किया गया उत्पादन उपभोगता तक पहुंचने से पहले ही ख़राब हो जाता है। 
  5. Insufficient Agriculture : भारत के अर्थव्यवस्था  में कृषि सेक्टर का 17.4 % का योगदान है। लेकिन इस सेक्टर में पूरे रोजगार का लगभग 51 % तक का रोजगार यह प्रदान करता है। यह सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे अयोग्य सेक्टर है क्योकि इसमें रोजगार बहुत दिया है लेकिन इसका योगदान बहुत कम है। 
  6. बेकार कर वसूलने की प्रणाली : भारत की जीडीपी में कर का सिर्फ 12 % की हिस्सेदारी है जबकि यह प्रणाली इतनी व्यवस्थित होनी चाहिए की जीडीपी का 45 % कर से आना चाहिए। यह स्थिल कर वसूलने की प्रणाली देश में व्याप्त भ्रस्टाचार , कर से बचाव और काम्प्लेक्स  कर प्रणाली को दिखाती है। 
Indian Economy 2022
Indian Economy 2022


Indian  is Under develping economy : WHY ? 


भारतीय अर्थव्यवस्था को विकाशशील अर्थव्यवस्था इसलिए कहा जाता है क्योंकि -
  1. कृषि पर निर्भरता : भारत में पूरे रोज़गार का 51 % रोज़गार कृषि में उपलब्ध है लेकिन यहाँ पर ज्यादा मुनाफा या फायदा  नहीं मिलता क्योकि हमारे यहाँ की कृषि पद्धिति बहुत पिछड़ी है और ज्यादा से ज्यादा  कृषि यन्त्र पुराने है व सिचाई के लिए मानसून पर निर्भर करते है। 
  2. गरीबी : भारत में लगभग 84 मिलियन की आबादी अभी भी जटिल गरीबी से जूझ रही है। 
  3. जनसँख्या विस्फोट : भारत में इतनी तेज़ी से जनसँख्या में वृद्धि हो रही है कि कुछ ही वर्षो में हम चीन को पीछे छोड़ जनसँख्या के मामले में पूरे विश्व भर में नंबर 1 पर पहुंच जायेंगे।  
  4. कम प्रति व्यक्ति आय दर : भारत में एक तो बेरोज़गारी इतनी ज्यादा और ऊपर से जनसँख्या भी ज्यादा जिससे प्रति व्यक्ति आय दर और भी घट जाती है। 
  5. निर्भर जनसँख्या : सन 2001 में हुई जनगड़ना के अनुसार लगभग 41 % जनसँख्या 18 वर्ष कम है जो की अपने जीवन यापन के लिए दूसरो पर  निर्भर है। 
  6. पुरानी उत्पादन तकनीकी : भारत में उत्पादन में पुराणी तकनिकी का ही प्रयोग  जाता है जिससे श्रोतो का भरपूर प्रयोग नहीं हो पता और हमारी उत्पादन क्षमता भी नहीं बढ़ती। 
  7. बेरोजगारी : भारत में बेरोजगारी दर बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है।   बेरोजगारी दर बहुत अधिक है। 

Impact of Covid-19 : by the Ministry of of statistics and programme implementation


सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी सरकारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कोविड -19 के कारण देश की जीडीपी में भारी  गिरावट देखने को मिला है आज हम उसी को जानेंगे। 
  • सकल घरेलू उत्पाद GDP :  कोविड - 19 आने के बाद वित्तीय वर्ष 2020 -21  में कुल मिला कर जीडीपी का दर 7.3 % ही रहा। 
  • कोविड - 19 जैसी वैश्विक महामारी को रोकने के लिए लगे लॉक डाउन ने सभी देश की जीडीपी को गिरा दिया और इसका बहुत खतरनाक प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलती है। 
  • वित्तीय वर्ष 2020 - 2021 , के बीच में पहले क्वार्टर ( अप्रैल - जून ) में जीडीपी 23. 9 % से गिरी,  को बुरी तरह प्रभावित किया, यह हर देश के सकल घरेलू उत्पाद को प्रभावित करता है, इसलिए यदि हम देखें तो भारत की जीडीपी वृद्धि 7.3% तक गिर गई थी। 2022 21 में लॉक डाउन करने के लिए लेकिन यह आकाड़ा बहुत अच्छा है लेकिन अंत में यह सकारात्मक हो गया लेकिन


Which sector is called the backbone of Indian Economy ? भारत की अर्थव्यवस्था का सांसे महत्त्वपूर्ण स्तम्भ ? 



-- सेवा क्षेत्र को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है क्योंकि  भारतीय सेवा क्षेत्र भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 96.54 लाख करोड़ रुपये का योगदान देता है जबकि औद्योगिक क्षेत्र 25.92% जबकि कृषि क्षेत्र और  संबद्ध क्षेत्र 20.19 प्रतिशत योगदान देता है।

-- वित्तीय वर्ष 2011  से 2012 , की बात करे तो उस वर्ष   कृषि क्षेत्र और संबद्ध ,  उद्योग और सेवाओं की जीडीपी -  16.38 % ,  29.34 %  , और 54.27 %  क्रमशः रही। 

 -- कृषि सेक्टर में ( कृषि ,  मछलीपालन , वानिकी , खनन व उत्खनन ) , औद्योगिक क्षेत्र में -- ( बिजली, गैस, पानी की आपूर्ति और निर्माण कार्य ) , और tertiary सेक्टर में -- (  सेवा प्रदान करना )  जो बहुत महत्वपूर्ण है जो दुसरे लोगो  को सेवा प्रदान करती  है। 




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