5 जी स्पेक्ट्रम की नीलामी , टेलीकॉम सेक्टर का विकास (1 जी से 5 जी ) | 5G SPECTRUM AND AUCTION | 4G Vs 5G Technology
आप इन दिनों 5G स्पेक्ट्रम और 5G ऑक्शन के बारे में हर रोज़ अखबारों या न्यूज़ चैंनलों के माध्यम से सुनते होंगे और जब बात स्पेक्ट्रम की की जाये तब 2G स्पेक्ट्रम घोटाले की खबर दिमाग में आ ही जाती है , 5G स्पेक्ट्रम और 5G ऑक्शन को समझने से पहले आप स्पेक्ट्रम को समझे ::)
Spectrum क्या होता है - What is Spectrum in hindi
यह दूरसंचार उद्योगों ( Telecom Industry ) को दी गयी , रेडियो फ्रीक्वेंसी है।
spectrum का शाब्दिक अर्थ है - किसी टेलीकॉम कंपनी द्वारा हवा में एक निश्चित रेंज की frequency का प्रयोग करना ही उस कंपनी के लिए स्पेक्ट्रम होता है।
और किसी कंपनी के ख़रीदे गए स्पेक्ट्रम की रेंज , से ज्यादा की frequency के प्रयोग करने पर सरकार आप पर जुर्माना लगाएगी या आपको टेलीकॉम की सदस्यता से बाहर कर देगी।
यही कारण है कि सभी डिवाइस ( टीवी , रेडियो , रिमोट , मोबाइल फोन आदि ) अलग-अलग frequency पर काम करते हैं ताकि सभी संचार आसान से हो सके।
- आप 2 लेन , 4 लेन या 6 लेन रोड के बारे में जानते होंगे तो जैसे अलग अलग लेन पर गाड़ियों की स्पीड दूसरी होती है और वाहन अपनी अपनी लेन पर चलते है , ठीक उसी प्रकार रेडियो , टेलीविज़न , मोबाइल , इंटरनेट आदि सभी अपनी एक frequency का इस्तेमाल करते है।
- जैसे रेडियो में AM और FM दो अलग अलग मोड़ दिए होते है , AM की frequency 535 से 1700 किलो हर्ट्ज़ और FM की frequency 88.1 से 108.1 मेगा हर्ट्ज़ के बीच में रहती है।यह इनकी एक निर्धारित फ्रीक्वेंसी होती है ठीक वैसे ही टेलीकॉम कंपनियों को भी सरकार से स्पेक्ट्रम खरीदना पड़ता है जिससे वे अपने कस्टमर को संचार की सुविधा प्रदान कर सके।
- प्राइवेट टेलीकॉम कंपनी जैसे रिलायंस जिओ , भारती एयरटेल , वोडाफ़ोन आईडिया और अडानी ग्रुप भी 2022 की स्पेक्ट्रम ऑक्शन में शामिल होंगे।
भारत देश डिजिटिकरण की ओर अग्रसर हो रहा है तो इसी दौर में भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारत के कुछ शहरो में 5G के ट्रायल शुरू होने वाले है और जिसके भारत सरकार ने 72 Giga Hz का स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रखा गया है जिसकी कुल कीमत 4 लाख 30 हज़ार करोड़ रूपए बताये जा रहे है।
देश में टेलीकॉम कंपनियों के कस्टमर लगातार बढ़ रहे है जिससे उन्हें बेहतर डाटा की सुविधा प्रदान करने के लिए कंपनियों को ज्यादा स्पेक्ट्रम की जरूरत होती है , जिसे वह सरकार से खरीदते है।
5G Auction क्या है | What is 5G Auction ?
- यह 72 गीगा हर्ट्ज़ की कुल कीमत 4 लाख 30 हज़ार करोड़ है।
- यह नीलामी 3 श्रेणी में होगी -- लो , मीडियम और हाई।
- low spectrum की रेंज ( 600 , 700 , 800 , 900 , 1800 , 2100 , 2300 MHz )
- medium spectrum की रेंज ( 3300 MHz )
- high spectrum की रेंज ( 26GHz ) Frequency Band .
दूरसंचार क्षेत्र का विकास :
4G Vs 5G में अंतर | 4G - 5G Difference
4G | 5G |
---|---|
1. Max upload rate - 500 Mbps | Max Download rate - 1.25 Gbps |
2. Can't differentiate b/w fixed and mobile device | Can differentiate b/w fixed and mobile device |
3. 4G service is offered by CDMA | 5G service is offered by OFDM / BDMA. |
4. Max. download rate - 1Gbps. | Max. download rate - 2.5Gbps. |
5. Slow and less efficient . | Fast and more Efficient. |
4-जी टेक्नोलॉजी | 4G Technology :
- चौथी पीढ़ी की संचार प्रणाली
- एलटीई ( LTE ) टेक्नोलॉजी
- हाई एफिशिएंसी का अनुभव देती है और उच्च मोबाइल ब्रॉड बैंड।
- OFDM ट्रांसमिशन टेक्नोलॉजी द्वारा हमे यह मिलता है।
- एडवांस मल्टी-एंटीना टेक्नोलॉजी प्रदान करता है।
5-जी टेक्नोलॉजी | 5G Technology :
- 5 वीं पीढ़ी की उन्नत संचार प्रणाली
- रेडियो-एक्सेस टेक्नोलॉजी पर निर्भर।
- यह वायरलेस कनेक्टिविटी को तेज़ी से बढ़ाएगा।
- इसका लक्ष्य है - 20Gbps / जीबीपीएस की पीक डेटा दर।
- उन महत्वपूर्ण एप्लिकेशन को भी सक्षम बनाता है जिनमे उच्च विश्वसनीयता और कम विलंबता की आवश्यकता होती है।
5 जी टेक्नोलॉजी का परिक्षण किन शहरो में सर्वप्रथम होगा :
स्पेक्ट्रम नीलामी 2022 | Spectrum Auction 2022 :
- प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार विभाग ( Department of Telecommunication ) के 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के प्रस्ताव को पास कर दिया गया है जिसके माध्यम से सभी टेलीकॉम कंपनी बोली लगा सकेगी और सबसे ज्यादा वालो को अगले 20 वर्ष के लिए लइसेंस दे दिया जायेगा।
- इस प्रस्ताव के तहत कंपनियां अपने निजी इस्तेमाल के लिए नेटवर्क के लिए बैंडविड्थ की बोली भी लगा सकेंगी, सरकार ने दूरसंचार सेवा प्रदाता के लिए व्यापार करने की लागत को कम करने के विकल्प की भी घोषणा की है।
- भारत एक अरब से अधिक ग्राहकों के साथ विश्व में दूसरा सबसे बड़ा वायरलेस बाजार है।
- 4-जी से लगभग 10 गुना तेज 5 जी टेक्नोलॉजी भारत में वसंत 2023 तक शरू होने की सम्भावना है , टेक्नोलॉजी जैसे सेल्फ ड्राइविंग कार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए जल्द ही 5-जी सेवा शुरू करनी होगी ।
- स्पेक्ट्रम के लिए सफल बोलीदाता द्वारा अग्रिम भुगतान करने की कोई अनिवार्य आवश्यकता नहीं है , इसे 20 बराबर वार्षिक किस्त में भुगतान किया जा सकता है , प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में अग्रिम भुगतान किया जा सकता है ,
- बोलीदाता को 10 वर्ष के बाद स्पेक्ट्रम को आत्मसमर्पण करने का भी विकल्प दिया जाएगा , वह शुरू के 10 वर्षो की क़िस्तो को क्लियर करने के बाद।
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