ग्रीन हाइड्रोजन क्या है | green Hydrogen a clear fuel HYDROLYSIS

 क्या है ग्रीन हाइड्रोजन | क्यों कहा जा रहा इसे भविष्य | What is Green Hydrogen | how it is future 


ग्रीन हाइड्रोजन क्या है | What is Green Hydrogen ? 

ग्रीन हाइड्रोजन का अर्थ है कि हाइड्रोजन का उत्पादन किसी Renewable source  ( सोलर सिस्टम , विंड एनर्जी  )  से करना। 

ग्रीन हाइड्रोजन का अर्थ - हाइड्रोजन से ही है लेकिन उसमे ग्रीन शब्द सिर्फ उपसर्ग की तरह पहले लगा दिया गया है।  

इस शब्द लगाने का अर्थ है की यह " भविष्य का ईंधन  " है। 

green Hydrogen


हाइड्रोजन क्या है | What is Hydrogen : 

Hydrogen एक रंगहीन ,  गंधहीन, बेस्वाद , गैर विषैले और अत्यधिक ज्वलनशील गैसीय पदार्थ है। 

यह सबसे साधारण , हल्का और रासायनिक पदार्थो में से प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला पदार्थ है , इसका प्रयोग आज के समय में साफ़ ईंधन के रूप में किया जा रहा है। 

यह भविष्य में सबसे  अच्छा और कुशल ईंधन होगा क्योंकि इसके प्रयोग में कोई भी गैस नहीं निकलती। 

  • ग्रीन -हाइड्रोजन  का प्रयोग इसलिए किया गया है कि इससे कोई ग्रीनहाउस गैस नहीं निकलती है। 
  • हाइड्रोजन ग्रे या नीले रंग की भी हो सकती है। 
  • नीला हाइड्रोजन का उत्पादन भी फॉसिल फ्यूल को जला कर पैदा की गयी विद्युत् के मदद से की जाती है। 

उत्पादन की क्रिया के आधार पर हाइड्रोजन  के प्रकार | Types of hydrogen 

  1. Brown Hydrogen : ब्राउन हाइड्रोजन तब कहते है जब कोयले की मदद से हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाये। 
  2. Grey Hydrogen  : ग्रे हाइड्रोजन तब कहा जाता है जब नेचुरल गैस के प्रयोग से हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाये। 
  3. Green Hydrogen : ग्रीन हाइड्रोजन उसे कहते है जब स्ट्रांग करंट ( by Renewable energy )  को पानी में पास किया जाता है और पानी का  एलेक्ट्रोलिसिस करके हाइड्रोजन का  उत्पादन किया जाता है। 
  4. Blue Hydrogen : नीला हाइड्रोजन तब कहा जाता है जब नेचुरल गैस के प्रयोग से हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाये लेकिन कार्बन के उत्सर्जन को रोक लिया जाये । 

ग्रीन हाइड्रोजन मिशन | Green Hydrogen Policy


राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन को वर्ष 2021 में ( भारत के 75 वे स्वतंत्रता दिवस पर ) 15 अगस्त , 2021 को लांच किया गया , और इस मिशन का उद्देश्य था कि यह सरकार के जलवायु लक्ष्य और भारत को एक ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने में मदद करेगा। 
  • इस मिशन के तहत हम 2030 तक 5 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लक्ष्य को पार करेंगे।                                                                                                                                         
  • ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया ही भविष्य के ईंधन है जो कि फॉसिल के स्थान पर प्रयोग होंगे।           
  • ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया के उत्पादन में नवीनकरण ऊर्जा ( Renewable energy ) का प्रयोग करेंगे जिससे Sustainable energy को बढ़ावा मिलेगा। 

ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन : 

  1. ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन हाइड्रोलिसिस के माध्यम से किया जाता है ( ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके  ( जैसे - शौर उर्जा , हवा या जल विद्युत ) .                                                 
  2. भारत ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन  में इस दृस्टि में काम कर रहा है कि वह अपनी निर्भरता गैर फॉसिल ऊर्जा पर करे।                                                                                                                 
  3. 20 अप्रैल 2022 , को पब्लिक सेक्टर OIL ( हेडक्वार्टर - असम दुलिएजन ) के भारत का पहला 99.99 % पूर्ण ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट लगाया है और भविष्य में पूरे देश में इसका विस्तार करने की दृस्टि में काम चल रहा है और इसमें और भी रिसर्च और डेवलपमेंट चल रही है कि  कैसे इसकी उत्पादन मूल्य को कम व भंडारण और उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जाये।                              
  4. एक 500 KW सोलर प्लांट की मदद से ग्रीन हाइड्रोजन यूनिट यह क्षमता है कि यह 10 किलो हाइड्रोजन प्रति दिन उत्पादन करता है ( इसे 30 किलो तक बढ़ाया जा सकता है ) 

भारत क्यों ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा दे रहा है | Why India is promoting green Hydrogen dependency :  


  • वर्ष 2015 ,पेरिस  में हुए समझौते (जलवायु परिवर्तन पर कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय संधि)में भारत  प्रतिबद्ध है कि वह अपने 2005 में ग्रीन हाउस गैस के  उत्सर्जन के स्तर को 33.25 % से कम करना है। 
  • इसी अंतर्राष्ट्रीय संधि के कारण भारत को अपने विकाश को बरकरार रखने के लिए ऊर्जा के कुछ ऐसे विकल्प ढूढ़ कर निर्भर होना होगा जो कभी खत्म भी न हो और ग्रीन हाउस  गैस का भी उत्सर्जन न  करे। 
  • वर्ष 2021 में ग्लासगो में  हुई पार्टियों के  सम्मेलन , में भारत ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि भारत 2070 तक फॉसिल और आयात पर निर्भर अर्थव्यवस्था से शुद्ध शून्य अर्थव्यवस्था( Net zero Economy)  में बदल जायेगा। 
  • भारत का वर्तमान में सालाना ऊर्जा आयात का बिल 100 बिलियन  डॉलर $ से भी ज्यादा का है। 
  • इसी कारण से भारत सरकार इस दृष्टि में काम कर रही है , कि ग्रीन हाइड्रोजन को विकल्प की तरह प्रयोग किया जाये और भविष्य में भारत इसका वैश्विक केंद्र बने और दूसरो को भी निर्यात करे। 
नोट : Green  Hydrogen को बढ़ावा देने के लिए 15 अगस्त ,2021 में राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन ( National Hydrogen Mission  भी लांच किया गया और इसका उद्देश्य यह था कि हम कार्बन के उत्सर्जन को कम करेंगे और रिन्यूएबल सोर्स ऑफ़ एनर्जी को बढ़ावा देंगे। 

हाइड्रोजन फ्यूल से लाभ | Advantage of Hydrogen As fuel  : 

  1. ग्रीन हाइड्रोजन को आप लम्बे समय तक स्टोर कर के रख सकते है। 
  2. स्टोर किये गए हाइड्रोजन से आप आसानी से बिजली  में बदल सकते है ( फ्यूल सेल का प्रयोग कर के ) 
  3. यह एक क्लीन फ्यूल है इसमें किसी भी प्रकार की कार्बन या ग्रीन हाउस गैस नहीं निकलती। 
  4. इस फ्यूल के उत्पादन में Renewable Energy का प्रयोग होता है जिससे इसके उत्पादन के दौरान भी कोई हानिकारक गैस नहीं निकलती। 
यह सभी जानकारी The Hindu में क्षपे एक आर्टिकल से लिए गए है  और साथ ही अन्य स्थानों से  जानकारिया प्राप्त कर आर्टिकल लिखा गया है। 

निष्कर्ष : आशा करता हूँ आप को यह आर्टिकल समझ में आया होगा और ग्रीन हाइड्रोजन की महत्व , जरूरत व उसके प्रति भारत का झुकाव का कारण भी जानने को मिला होगा। 
अगर आप भी सहमत है तो कमेंट में  " Yes " जरूर लिखे। 


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 ग्रीन हाइड्रोजन किसे कहते है ? 

- ग्रीन हाइड्रोजन उसे कहते है जब स्ट्रांग करंट ( by Renewable energy )  को पानी में पास किया जाता है और पानी का  एलेक्ट्रोलिसिस करके हाइड्रोजन का  उत्पादन किया जाता है। 

ग्रे हाइड्रोजन और ग्रीन हाइड्रोजन में अंतर क्या  है ? 
ग्रे हाइड्रोजन तब कहा जाता है जब नेचुरल गैस के प्रयोग से हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाये। 
और वही हाइड्रोजन का उत्पादन अगर किसी रिन्यूएबल ऊर्जा के प्रयोग से हो तो उसी हाइड्रोजन को हम ग्रीन हाइड्रोजन कहेंगे। 

ग्रीन हाइड्रोजन का प्रयोग कहा किया जा सकता है ? 
- ग्रीन हाइड्रोजन का प्रयोग घरो में घरेलु कामो में भी कर सकते हो ( नेचुरल गैस के स्थान पर ) 
- ग्रीन हाइड्रोजन को गाड़ियों में ईंधन के रूप में प्रयोग कर सकते है। 
- इसका प्रयोग बड़ी इंडस्ट्री , उद्योग कारखानों में मशीन को चलने में भी प्रयोग किया जा सकता है। 

ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की प्रक्रिया क्या है ? 
ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में हाइड्रोलिसिस ऑफ़ वाटर ( Hydrolysis Of Water )  प्रक्रिया से किया जाता है , इसमें पानी जिसका केमिकल फार्मूला है ( H2O ) होता है उसमे एक स्ट्रांग करंट भेजा जाता है और इस दौरान हाइड्रोजन ऑक्सीजन से अलग हो जाती  है और हमे हाइड्रोजन मिल जाता है। 

ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की शुरुवात किसने और कब की थी ? 

ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की शुरुवात भारत सरकार ने आज़ादी के 75 वें स्वतंत्रता दिवस ( 15 अगस्त , 2021 ) में लांच किया गया था। 


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